GPC Rajgarh Shines at SRIJAN 2025

SRIJAN 2025 में शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, राजगढ़ की दो प्रोजेक्ट चयनित, ‘वेस्ट मैनेजमेंट’ श्रेणी में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा Innovate MP मिशन के अंतर्गत आयोजित SRIJAN (Students Researching In Just About Anything) 2025 प्रदर्शनी में शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, राजगढ़ की दो प्रोजेक्ट का चयन शीर्ष 30 में हुआ। इन प्रोजेक्ट को 10–11 मई 2025 को RGPV, भोपाल परिसर में प्रदर्शित किया गया।इस प्रतियोगिता में प्रदेश भर के इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक एवं उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों ने नवाचार आधारित प्रोजेक्ट प्रस्तुत किये। 

प्रदर्शनी का उद्घाटन माननीय उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा & आयुष मंत्री महोदय श्री इंदर सिंह परमार जी द्वारा किया गया।

SRIJAN का उद्देश्य छात्रों द्वारा अपने पाठ्यक्रम के अंतर्गत विकसित उत्कृष्ट प्रोजेक्ट की पहचान करना और उन्हें प्रोटोटाइप निर्माण एवं भविष्य में स्टार्टअप के रूप में विकसित करने हेतु सहयोग प्रदान करना है। प्रोजेक्ट का मूल्यांकन शिक्षाविदों एवं उद्योग विशेषज्ञों की संयुक्त समिति द्वारा किया गया।

Selected Project 1: 

Project Title: “Turning Waste to Worth: Ferrous Sulphate Recovery from Spent Pickling Liquor and Iron Chips”

*विषय:* अपशिष्ट प्रौद्योगिकी (Waste Management)

*विभाग:* रासायनिक अभियांत्रिकी (Chemical Engineering)

*मार्गदर्शक शिक्षक:* डॉ. अनुराधा देवी, अतिथि व्याख्याता

*छात्र टीम:* अंशुल, मृगेन्द्र, गिरिराज एवं चित्रसेन

इस प्रोजेक्ट को उद्योगों से उत्पन्न अपशिष्टों का रासायनिक रूप से पुनर्प्रयोग कर उपयोगी उत्पाद में बदलने के व्यवहारिक समाधान के लिए *द्वितीय पुरस्कार* से माननीय मंत्री महोदय द्वारा सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार के अंतर्गत टीम को ₹15,000/- की पुरस्कार राशि प्राप्त हुई।

Selected Project 2:

Project Title: “Low-Cost Thermal Insulating Bricks Made from Cow Dung and Agricultural Waste”

विषय: ग्रामीण प्रौद्योगिकी (Rural Technology)

विभाग: सिविल इंजीनियरिंग (Civil Engineering)

मार्गदर्शक शिक्षक: श्री अभिषेक रानीवाल (व्याख्याता)

छात्र टीम: वैदिक कुम्भकार

यह प्रोजेक्ट ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पर्यावरण अनुकूल, कम लागत वाली तापीय इन्सुलेटिंग ईंटों के निर्माण पर केंद्रित है, जिसमें गोबर और कृषि अपशिष्ट का उपयोग किया गया है। इस नवाचार से टिकाऊ आवास निर्माण में नई संभावनाएं विकसित हो सकती हैं।

यह उपलब्धि महाविद्यालय के नवाचार एवं अनुसंधान क्षेत्र में उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। महाविद्यालय परिवार की ओर से दोनों टीमों को हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं।

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